ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग
ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग
- ॐकारेश्वर एक हिन्दू मंदिर है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। यह नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नामक द्वीप पर स्थित है। यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगओं में से एक है। यह यहाँ के मोरटक्का गाँव से लगभग 20 कि.मी. दूर बसा है। यह द्वीप हिन्दू पवित्र चिन्ह ॐ के आकार में बना है। यहाँ दो मंदिर स्थित हैं।
ॐकारेश्वर मन्दिर एवं अमलेश्वर ( ममलेश्वर )मन्दिर ।
- ॐकारेश्वर का निर्माण नर्मदा नदी से स्वतः ही हुआ है। यह नदी भारत की पवित्रतम नदियों में से एक है ।जिस ओंकार शब्द का उच्चारण सर्वप्रथम सृष्टिकर्ता विधाता के मुख से हुआ , वेद का पाठ इसके उच्चारण किए बिना नहीं होता है।
- इस ओंकार का भौतिक विग्रह ओंकार क्षेत्र है। इसमें 68 तीर्थ हैं। यहाँ 33 करोड़ देवता परिवार सहित निवास करते हैं तथा 2 ज्योतिस्वरूप लिंगों सहित 108 प्रभावशाली शिवलिंग हैं। मध्यप्रदेश में देश के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 ज्योतिर्लिंग विराजमान हैं। एक उज्जैन में महाकाल के रूप में और दूसरा ओंकारेश्वर में ममलेश्वर (अमलेश्वर) के रूप में विराजमान हैं।
राजा मान्धाता ने यहाँ नर्मदा किनारे इस पर्वत पर तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न किया और शिवजी के प्रकट होने पर उनसे यहीं निवास करने का वरदान माँग लिया। तभी से उक्त प्रसिद्ध तीर्थ नगरी ओंकार-मान्धाता के रूप में पुकारी जाने लगी। जिस ओंकार शब्द का उच्चारण सर्वप्रथम सृष्टिकर्ता विधाता के मुख से हुआ , वेद का पाठ इसके उच्चारण किए बिना नहीं होता है। इस ओंकार का भौतिक विग्रह ओंकार क्षेत्र है। इसमें 68 तीर्थ हैं। यहाँ 33 करोड़ देवता परिवार सहित निवास करते हैं।
नर्मदा क्षेत्र में ओंकारेश्वर सर्वश्रेष्ठ तीर्थ है। शास्त्र मान्यता है कि कोई भी तीर्थयात्री देश के भले ही सारे तीर्थ कर ले किन्तु जब तक वह ओंकारेश्वर आकर किए गए तीर्थों का जल लाकर यहाँ नहीं चढ़ाता उसके सारे तीर्थ अधूरे माने जाते हैं। ओंकारेश्वर तीर्थ के साथ नर्मदाजी का भी विशेष महत्व है। शास्त्र मान्यता के अनुसार जमुनाजी में 15 दिन का स्नान तथा गंगाजी में 7 दिन का स्नान जो फल प्रदान करता है, उतना पुण्यफल नर्मदाजी के दर्शन मात्र से प्राप्त हो जाता है।ओंकारेश्वर तीर्थ क्षेत्र में चौबीस अवतार , माता घाट ( सेलानी ) , सीता वाटिका , धावड़ी कुंड , मार्कण्डेय शिला , मार्कण्डेय संन्यास आश्रम , अन्नपूर्णाश्रम , विज्ञान शाला , बड़े हनुमान , खेड़ापति हनुमान , ओंकार मठ , माता आनंदमयी आश्रम , ऋणमुक्तेश्वर महादेव , गायत्री माता मंदिर , सिद्धनाथ गौरी सोमनाथ , आड़े हनुमान , माता वैष्णोदेवी मंदिर , चाँद-सूरज दरवाजे , वीरखला , विष्णु मंदिर , ब्रह्मेश्वर मंदिर , सेगाँव के गजानन महाराज का मंदिर , काशी विश्वनाथ , नरसिंह टेकरी , कुबेरेश्वर महादेव , चन्द्रमोलेश्वर महादेव के मंदिर भी दर्शनीय हैं।