हजारों तीर्थ स्थल है पर धाम चार ही है I
हमारे हिन्दू धर्म में हजारों तीर्थ स्थल है पर धाम चार ही है आज इस पर चर्चा करते हैं,हमारे धर्म में चार पवित्र वेद हैं ऋग्वेद,यजुर्वेद,सामवेद,अर्थवेद,यह चारों वेद हिन्दू संस्कृति के आधार भी है,हमारे यहाँ पर चार वर्ण भी है,ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य,शूद्र,हमारे यहाँ पर जीवन को भी चार भागों में रखा गया है,ब्रह्मचार्य,गृहस्थ,वानप्रस्थ तथा सन्यास,पुरूषार्थ को भी। चार भागों में रखा गया है,अर्थ,कर्म,का तथा मोक्ष।दिशाये भी चार ही है इसलिए चार धाम स्थापित किये गये उत्तर में बद्रीनाथ,दक्षिण में रामेश्वरम,पूर्व में जगन्नाथ तथा पश्चिम में द्रारका,बद्रीनाथ धाम यजुर्वेद का प्रतीक है,रामेश्वरम ॠग्वेद का प्रतीक है,जगन्नाथ धाम अर्थवेद तथा द्वारिका धाम सामवेद का प्रतीक है।