गायत्री गुप्त मन्त्र और सम्पुट I

गायत्री गुप्त मन्त्र और सम्पुट

 

गायत्री मन्त्र के साथ कौन सा सम्पुट लगाने पर क्या फल मिलता है!!

 

ॐ भूर्भुव: स्व : ॐ ह्रीं तत्सवितुर्वरेण्यं ॐ

श्रीं भर्गो देवस्य धीमहि ॐ क्लीं धियो यो न: प्रचोदयात ॐ नम:! ॐ भूर्भुव: स्व : ॐ ह्रीं तत्सवितुर्वरेण्यं ॐ श्रीं भर्गो देवस्य धीमहि ॐ क्लीं धियो यो न: प्रचोदयात ॐ नम:! ॐ भूर्भुव: स्व : ॐ ऐं तत्सवितुर्वरेण्यं ॐ क्लीं भर्गो देवस्य

धीमहि ॐ सौ: धियो यो न: प्रचोदयात

ॐ नम:! ॐ श्रीं ह्रीं ॐ भूर्भुव:

स्व: ॐ ऐं ॐ तत्सवितुर्वरेण्यं ॐ क्लीं ॐ भर्गोदेवस्य धीमहि ॐ सौ: ॐ धियो यो न: प्रचोदयात ॐ ह्रीं श्रीं ॐ!!

 

गायत्री जपने का अधिकार जिसे नहीं है वे निचे लिखे मन्त्र का जप करें!

 

ह्रीं यो देव: सविताSस्माकं मन: प्राणेन्द्रियक्रिया:!

प्रचोदयति तदभर्गं वरेण्यं समुपास्महे !!

 

सम्पुट प्रयोग

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गायत्री मन्त्र के आसपास कुछ बीज

मन्त्रों का सम्पुट लगाने का भी विधान है जिनसे विशिष्ट कार्यों की सिद्धि होती है ! बीज मन्त्र इस प्रकार हैं—-

 

१- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं — का सम्पुट लगाने से

लक्ष्मी की प्राप्ति होती है!

 

२- ॐ ऐं क्लीं सौ:– का सम्पुट लगाने से

विद्या प्राप्ति होती है!

 

३– ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं —

का सम्पुट लगाने से संतान प्राप्ति, वशीकरण और मोहन होता है!

 

४– ॐ ऐं ह्रीं क्लीं — का सम्पुट के

प्रयोग से शत्रु उपद्रव, समस्त विघ्न बाधाएं और संकट दूर होकर भाग्योदय होता है!

 

५– ॐ ह्रीं — इस सम्पुट के प्रयोग से रोग नाश होकर सब प्रकार के ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है!

 

६– ॐ आँ ह्रीं क्लीं — इस सम्पुट

के प्रयोग से पास के द्रव्य की रक्षा होकर

उसकी वृद्धि होती है तथा इच्छित वस्तु

की प्राप्ति होती है! इसी प्रकार किसी भी मन्त्र की सिद्धि और विशिष्ट कार्य

की शीघ्र सिद्धि के लिए भी दुर्गा सप्तशती के मन्त्रों के साथ सम्पुट

देने का भी विधान है! गायत्री मन्त्र समस्त मन्त्रों का मूल है तथा यह आध्यात्मिक शान्ति देने वाले हैं!!

 

गायत्री शताक्षरी मन्त्र

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” ॐ भूर्भुव: स्व : तत्सवितुर्वरेण्यं, भर्गो देवस्य धीमहि! धियो यो न: प्रचोदयात! ॐ जातवेदसे सुनवाम सोममराती यतो निदहाति वेद:! स न: पर्षदतिदुर्गाणि

विश्वानावेव सिंधु दुरितात्यग्नि:!

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धि पुष्टिवर्धनम! उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात !!”

 

शास्त्र में कहा गया है कि गायत्री मन्त्र जपने से पहले गायत्री शताक्षरी मन्त्र

की एक माला अवश्य कर लेनी चाहीये! माला करने पर मन्त्र में चेतना आ जाती है!!